नई दिल्ली। असम की अर्थव्यवस्था को हाल ही में लागू किए गए GST सुधारों से नई मजबूती मिलने जा रही है। राज्य की पहचान यहां की चाय, रेशम, हस्तशिल...
नई दिल्ली। असम की अर्थव्यवस्था को हाल ही में लागू किए गए GST सुधारों से नई मजबूती मिलने जा रही है। राज्य की पहचान यहां की चाय, रेशम, हस्तशिल्प, पर्यटन और खास कृषि उत्पादों से है, ऐसे में अब टैक्स कम होने से उपभोक्ताओं को बचत होगी और किसानों, बुनकरों तथा कामगारों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। असम के चाय उद्योग में लगभग 6.84 लाख लोग काम करते हैं। हाल ही में चाय पर GST को घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे चाय की कीमतों में लगभग 11% की कमी आएगी। 2024 में भारत ने 255 मिलियन किलोग्राम चाय का निर्यात किया था, और अब सस्ती कीमतों से असम की चाय की वैश्विक प्रतिस्पर्धा और मजबूत होगी। घरेलू स्तर पर गुवाहाटी टी ऑक्शन सेंटर पर अधिक मात्रा में चाय बिकेगी, जिससे चाय बागानों की आय और मजदूरों की मजदूरी में सुधार होगा। खासकर असम की GI टैग्ड चाय उत्पादकों को लगभग 11% की लागत में राहत मिलेगी। खाद और अन्य इनपुट पर भी टैक्स घटने से उत्पादन खर्च कम होगा।
वहीं असम के रेशमी कपड़े और हस्तशिल्प उद्योग में 12.83 लाख बुनकर और 12.46 लाख करघे जुड़े हुए हैं। मूगा सिल्क उत्पादन में असम का योगदान देशभर का 95% है। GST को 5% करने से इन उत्पादों की कीमत लगभग 6.25% तक कम हो जाएगी। इससे बुनकरों को अपने उत्पादों के लिए अच्छे दाम मिलेंगे और निर्यात भी बढ़ेगा। गामोसा जैसी सांस्कृतिक पहचान वाले उत्पाद पर भी टैक्स घटने से ज्यादा बिक्री होगी। इसी तरह असम जाबी, अशरिकांडी टेराकोटा, मिशिंग हैंडलूम, पानी मेटेका और बिहू ढोल जैसे उत्पादों को भी फायदा होगा।
असम में काजीरंगा-ब्रह्मपुत्र पर्यटन सर्किट, माजुली, पोबितोरा और गुवाहाटी जैसे प्रमुख स्थान लाखों लोगों को रोजगार देते हैं। 2015-16 में पर्यटन से जुड़े 6.51 लाख नौकरियां थीं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। होटल के 7,500 रुपये तक के किराए वाले कमरों पर GST घटकर 5% हो गया है, जिससे पर्यटकों के लिए रहना सस्ता होगा और आने वालों की संख्या बढ़ेगी। पर्यटन से जुड़े होटल कर्मचारी, टूर गाइड, नाविक और स्थानीय युवा इससे लाभान्वित होंगे। होटल के जरूरी सामान जैसे टॉयलेटरीज, पैकेज्ड पानी और खाने-पीने की चीजें भी अब 5% GST पर उपलब्ध होंगी।
असम के कई खास कृषि उत्पाद GI टैग्ड हैं। GST सुधार से इनकी प्रोसेस्ड चीजें सस्ती होंगी और किसानों को ज्यादा दाम मिलेगा। गोहाटी, नलबाड़ी, बारपेटा और दर्रांग जैसे क्षेत्रों में उगाया जाने वाला GI जोहा चावल अब 5% GST स्लैब में है। इससे तैयार उत्पादों पर लगभग 6-11% की लागत में कमी आएगी। यह यूरोप, वियतनाम और मिडिल ईस्ट में निर्यात होता है। बोका साउल (मैजिक राइस) को ब्रह्मपुत्र घाटी और अपर असम में छोटे किसान उगाते हैं। इस पर GST 12%/18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। कीमतों में 6–11% कमी आएगी जिससे किसानों को फायदा होगा। नगांव, सोनितपुर और कामरूप जिलों में उगाए जाने वाले काजी नेमु (असम नींबू) से बने जूस, अचार और सॉस पर टैक्स घटकर 5% हो गया है। इससे कीमतें 6.25-11% तक कम होंगी और किसानों की आमदनी बढ़ेगी। सोनितपुर की GI टैग्ड तेजपुर लीची भी अब 5% GST स्लैब में है। लीची से बने पल्प, जैम और जेली अब लगभग 6.25% सस्ते हो जाएंगे। इससे उपभोक्ताओं को सस्ती कीमत पर उत्पाद मिलेंगे और किसानों को अधिक आमदनी होगी।
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