रायपुर/नई दिल्ली, 19 नवंबर 2025:छत्तीसगढ़ की जनता को स्वच्छ हवा और बेहतर पर्यावरण देने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम दर्ज हुआ है। लोकसभा म...
रायपुर/नई दिल्ली, 19 नवंबर 2025:छत्तीसगढ़ की जनता को स्वच्छ हवा और बेहतर पर्यावरण देने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम दर्ज हुआ है। लोकसभा में 19 अगस्त को नियम 377 के तहत छत्तीसगढ़ के पर्यावरणीय संकट को मुखरता से उठाने वाले रायपुर लोकसभा सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल की पहल पर केंद्र सरकार ने निर्णायक कार्रवाई करते हुए रायपुर, कोरबा और दुर्ग-भिलाई के लिए 301.69 करोड़ रुपये का स्वच्छ वायु अनुदान स्वीकृत किया है।
इनमें से अकेले रायपुर शहर को 151.59 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं—जो राजधानी के पर्यावरण सुधार के लिए अब तक का सबसे बड़ा वित्तीय पैकेज है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री माननीय भूपेंद्र यादव ने 18 अक्टूबर को सांसद अग्रवाल को पत्र लिखकर सूचित किया कि छत्तीसगढ़ के तीन बड़े शहर वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा न करने के चलते राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) में शामिल किए गए हैं। कार्ययोजनाओं के क्रियान्वयन और प्रदर्शन आधारित मूल्यांकन के बाद इन शहरों को बड़ी राशि प्रदान की गई है।
कोरबा शहर को मंत्रालय की प्रदूषण नियंत्रण योजना के तहत सहायता दी जाती है, जबकि रायपुर, दुर्ग और भिलाई जैसे 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों को 15वें वित्त आयोग के वायु गुणवत्ता अनुदान से वित्त पोषित किया जाता है।
“यह सिर्फ अनुदान नहीं—छत्तीसगढ़ की सेहत का सुरक्षा कवच है” : सांसद बृजमोहन अग्रवाल
स्वच्छ वायु अनुदान के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का आभार व्यक्त करते हुए सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, “यह राशि केवल आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की करोड़ों जनता की सेहत और आने वाली पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य का संकल्प है। मैंने लोकसभा में यह मुद्दा उठाया क्योंकि स्वच्छ हवा हर नागरिक का अधिकार है। केंद्र सरकार ने जिस तत्परता और गंभीरता से हमारी बात मानी, उसके लिए मैं हृदय से आभारी हूँ।”
उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण के लिए जारी प्रत्येक रुपये का उपयोग पारदर्शिता, जवाबदेही और जन-हित सर्वोपरि रखते हुए किया जाएगा। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है स्वस्थ छत्तीसगढ़, सुरक्षित छत्तीसगढ़।
औद्योगिक क्षेत्रों की प्रदूषण स्थिति पर भी निर्णायक कदम
राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग अनुसंधान संस्थान (NEERI) ने रायपुर क्षेत्र में औद्योगिक स्रोतों से होने वाले प्रदूषण का विस्तृत अध्ययन किया है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने सिलतरा और रायपुर औद्योगिक क्षेत्र को क्रिटिकली पोल्यूटेड एरिया घोषित किया है।
इसी के मद्देनज़र छत्तीसगढ़ पर्यावरण मंडल को उरला, सिलतरा, कोरबा और भिलाई औद्योगिक क्लस्टरों में पर्यावरणीय गुणवत्ता बहाली की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
12 सितंबर 2025 को CPCB ने गंभीर प्रदूषित क्षेत्रों की कार्ययोजनाओं की समीक्षा भी की है।
जनता की आवाज़ संसद तक पहुँची—अब धरातल पर दिखेगा बड़ा बदलाव
सांसद बृजमोहन अग्रवाल की दूरदर्शी सोच, मजबूत पैरवी और निरंतर प्रयासों के चलते आज छत्तीसगढ़ के तीन प्रमुख शहरों को वह आर्थिक शक्ति मिली है, जिससे आने वाले वर्षों में वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिलेगा।
उनकी पहल ने यह सिद्ध कर दिया कि, जब नेतृत्व संकल्पित हो, तो जनता की समस्या सिर्फ उठती नहीं, बल्कि उसका समाधान भी मिलता है।



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