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दिल्ली-एनसीआर बना देश का सबसे बड़ा थर्ड-पार्टी लॉजिस्टिक्स हब

  नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर देश में सबसे बड़ा थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभरा है। 2021 से अब तक इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स सेक्टर ...

 


नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर देश में सबसे बड़ा थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभरा है। 2021 से अब तक इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स सेक्टर की कुल लीजिंग एक्टिविटी में इसका हिस्सा एक-चौथाई यानी 25 प्रतिशत है। यह जानकारी हाल ही में आई एक रिपोर्ट में दी गई। 

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के बाद 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मुंबई और 16 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बेंगलुरु का स्थान आता है

रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के बाद 24 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ मुंबई और 16 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ बेंगलुरु का स्थान आता है। सीबीआरई की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, “चेन्नई, कोलकाता और हैदराबाद सहित टॉप छह शहरों ने 2021 से इस वर्ष की पहली छमाही के बीच कुल 3पीएल लीजिंग एक्टिविटी का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा लिया।”

ये कंपनियां देश के लॉजिस्टिक्स रियल एस्टेट मार्केट में सबसे बड़ी मांग बढ़ाने वाले कारक के रूप में उभरी हैं

3पीएल कंपनियां अपने ग्राहकों की पूरी सप्लाई चेन और लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन संभालती हैं, जिससे वे अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। ये कंपनियां देश के लॉजिस्टिक्स रियल एस्टेट मार्केट में सबसे बड़ी मांग बढ़ाने वाले कारक के रूप में उभरी हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, 2021 और 2024 के बीच उन्होंने इस सेक्टर की कुल लीजिंग एक्टिविटी का 40-50 प्रतिशत हिस्सा लिया

रिपोर्ट के अनुसार, 2021 और 2024 के बीच उन्होंने इस सेक्टर की कुल लीजिंग एक्टिविटी का 40-50 प्रतिशत हिस्सा लिया। 2025 की पहली छमाही में इनका हिस्सा 30 प्रतिशत से अधिक था। सीबीआरई के इंडिया, साउथ-ईस्ट एशिया, मिडिल ईस्ट एंड अफ्रीका के चेयरमैन और सीईओ अंशुमन मैगजीन ने कहा, “दिल्ली-एनसीआर की रणनीतिक लोकेशन, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स सेक्टर ने इसे इंडस्ट्रियल और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण हब बना दिया है।”

हालांकि, टियर-II और III शहर भी नए ग्रोथ हब के रूप में उभर रहे हैं

उन्होंने आगे कहा, “हालांकि, टियर-II और III शहर भी नए ग्रोथ हब के रूप में उभर रहे हैं। इन शहरों में बढ़ती खपत और कम जमीन की लागत से 3पीएल कंपनियों को मेट्रो शहरों से आगे विस्तार करने और खपत केंद्रों के पास स्थानीय हब बनाने के लिए प्रोत्साहित करने की संभावना है।”

रिपोर्ट के अनुसार, सर्वे की गई 3पीएल कंपनियों में से लगभग 76 प्रतिशत अब अपने लॉजिस्टिक्स ऑपरेशन में वेयरहाउस मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर रही हैं। इसके अलावा, 3पीएल कंपनियां इंटरनेट ऑफ थिंग्स सेंसर, कन्वेयर एंड सॉर्टेशन सिस्टम और गुड्स-टू-पर्सन पिकिंग सिस्टम जैसी टेक्नोलॉजी अपना रही हैं, जो स्मार्ट, ऑटोमेटेड वेयरहाउस की ओर एक बड़े बदलाव को दर्शाता है।

2021 से 2025 की पहली छमाही के दौरान 3पीएल फर्म भारत में वैल्यू और वॉल्यूम को लेकर 1,00,000 वर्ग फुट से अधिक के ‘बिग-बॉक्स’ लीजिंग की मुख्य वजह थीं। यह ई-कॉमर्स, रिटेल और मैन्युफैक्चरिंग की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए स्केलेबल और फ्यूचर-रेडी वेयरहाउसिंग सॉल्यूशन की बढ़ती जरूरत को दर्शाता है। सीबीआरई इंडिया के लीजिंग सर्विसेज के मैनेजिंग डायरेक्टर राम चंदनानी ने कहा, “यह रणनीति कंपनियों को तेजी से स्केल करने के साथ-साथ लागत कम करने में मदद करती है।


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