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पूर्ण स्वच्छता के लिए स्रोत स्थल पर ही हो हर तरह के कचरे का निपटान : सीईओ

बैकुण्ठपुर। हम बेहतर सामाजिक जीवन और स्वास्थ्य तभी पा सकते हैं जब हमारे आस-पास का वातावरण पूरी तरह से स्वच्छ हो। इसी उद्देश्य को लेकर ग्राम ...

बैकुण्ठपुर। हम बेहतर सामाजिक जीवन और स्वास्थ्य तभी पा सकते हैं जब हमारे आस-पास का वातावरण पूरी तरह से स्वच्छ हो। इसी उद्देश्य को लेकर ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत विभिन्न गतिविधियों को संचालित किया जा रहा है। जिले के कलेक्टर विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में ग्रामीण स्वच्छता के लिए निरंतर जन जागरूकता गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। साथ ही नगरीय निकायों की तर्ज पर ग्राम पंचायतों में भी कचरे का कलेक्शन राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान की दीदियों के माध्यम से किया जा रहा है। कोरिया जिले के प्रत्येक ग्राम पंचायत को स्वच्छ ग्राम पंचायत बनाने के लिए आवश्यक है कि जिस जगह से कचरे का उत्पादन हो रहा है उसी स्तर पर कचरे का त्वरित निपटान किया जाए।

जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी ने उक्ताशय के विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत जिले को पूरी तरह से स्वच्छ रखने के लिए जन सहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण की जिला समन्वयक व ब्लाक समन्वयकों द्वारा ग्राम पंचायतों में स्वच्छता दीदियों की बैठक लेकर कचरे के निपटान के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान की जा रही है। इसके अलावा विभिन्न ग्राम पंचायतों में सूखे कचरे के एकत्रीकरण के लिए रिक्शा भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे प्रत्येक ग्राम पंचायत में साप्ताहिक तौर पर सूखे कचरे का कलेक्शन कराया जा रहा है।

जिला पंचायत सीइओ ने कहा कि प्रत्येक ग्राम वासी अपने गांव में कचरा एकत्र करने वाली दीदियों को सहयोग करें और स्वच्छता शुल्क भी अवश्य प्रदान करें ताकि इस कार्य में लगी हुई महिलाओं को उनका पारिश्रमिक समय पर प्रदान किया जा सके। जिला पंचायत सीईओ डॉ आशुतोष ने बताया कि गत दिवस ग्राम पंचायत मधला में जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में स्वच्छता दीदियों को कचरा कलेक्शन के लिए रिक्शा भी प्रदान किया गया। उन्होने कहा कि ग्रामीण घरों में प्रत्येक दिवस कुछ न कुछ सूखा और गीला कचरा निकलता है। ग्रामीण अपने घरों से निकलने वाले गीले कचरे यानि जैविक अपशिष्ट के तौर पर निकलने वाले कचरे जिससे खाद बनाई जा सकती है उसे अपने घरों के पास नाडेप टैंक बनाकर गोबर व अन्य कृषि अपशिष्ट के साथ डालकर जैविक खाद बनाएं। तथा घरों से निकलने वाले सूखे कचरे को स्वच्छता दीदियों के माध्यम से गांव के ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र में भेजें ताकि उसे रिसाइकल करने के लिए अलग किया जा सके। सीईओ डॉ चतुर्वेदी ने कहा कि हर ग्रामीण अपने आस-पास के जलस्रोत को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक रहें और कोई भी कचरा खुले में ना फेंकें। इस तरह से सभी आपस में सहयोग की भावना से पूरे कोरिया को स्वच्छ और सुंदर बनाने में जिला प्रशासन की मदद करें।

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