Page Nav

HIDE

Grid

GRID_STYLE

Pages

Classic Header

{fbt_classic_header}

Top Ad

//

Breaking :

latest
//

युक्तियुक्त करण से शिक्षकों की विशेषज्ञता का लाभ सही रूप में पहुँच रही विद्यार्थियों तक

  कोरबा। प्रदेश सरकार की युक्तियुक्त करण की नीति छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की दिशा में सार्थक प्रयास है। प्रकिया के तहत ...

 


कोरबा। प्रदेश सरकार की युक्तियुक्त करण की नीति छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की दिशा में सार्थक प्रयास है। प्रकिया के तहत पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला लैंगा में हिंदी विषय के शिक्षक गोरेलाल कंवर की पदस्थापना हुई है। विद्यालय में उनके आने से हिंदी विषय बच्चों को रोचक और प्रेरणादायक लगने लगा है।

कंवर का शिक्षण शैली इतनी रोचक, जीवंत और प्रभावशाली है कि बच्चों का मन हिंदी विषय में रम गया है। चाहे कविता हो या गद्य, व्याकरण हो या साहित्य , वे हर पहलू को नाट्य रूपांतरण, संवाद, कहानी, गीत, या रचनात्मक शिक्षण शैली के माध्यम से बच्चों के मन में उतार देते हैं। कक्षा 8वीं में जब उन्होंने तैमूर लंग के आक्रमण से संबंधित गद्यांश पढ़ाया और मंचन के जरिए तैमूर और एक नन्हे बालक के संवाद को प्रस्तुत किया, तब बच्चों की आँखों में जिज्ञासा की चमक साफ दिखाई दी। इससे बच्चे इतिहास को अनुभव कर पाए। बच्चों को हिंदी की रस, छंद, अलंकार जैसे व्याकरण के अंश सरल लगने लगे हैं। साथ ही हिंदी साहित्य का इतिहास और व्याकरण के नियम की उन्हें गहनता से समझ आ रही है। कक्षा 8वीं के छात्र-छात्राएं कृ अनुसुइया, अंश, रश्मि, कल्पना, महिमा और लवकेश जैसे बच्चों ने बताया कि अब उन्हें हिंदी विषय पढ़ना मनोरंजन और ज्ञान“ का स्रोत लगता है। कंवर बच्चों को केवल पाठ्यक्रम की पढ़ाई तक सीमित नहीं रखते, वे उनमें अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास की भावना भी भरते हैं। बच्चों को पत्र लेखन, कहानी रचना, कविता पाठ और भाषण देने के लिए भी प्रेरित करते है, जिससे उनके व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास हो रहा है।

विद्यालय के प्रधानपाठक और अभिभावकों ने राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण नीति की सराहना की। उन्होंने कहा कि विषय शिक्षक की नियुक्ति से ही शिक्षा का असली उद्देश्य पूरा होता है। यह नीति शिक्षकों की विशेषज्ञता का लाभ सही रूप में विद्यार्थियों तक पहुँचाने का सशक्त माध्यम है।


No comments