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दुर्गोत्सव झांकियों का भव्य विसर्जन

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इस वर्ष दुर्गोत्सव झांकियों के विसर्जन ने पूरे शहर को भक्ति और उत्सव के रंगों में सराबोर कर दिया। शहर की...


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में इस वर्ष दुर्गोत्सव झांकियों के विसर्जन ने पूरे शहर को भक्ति और उत्सव के रंगों में सराबोर कर दिया। शहर की गलियां देर रात तक रौनक से भरी रहीं। शुक्रवार को बारिश की वजह से जो झांकियां नहीं निकल पाई थीं, उनका विसर्जन शनिवार को किया गया। लगातार दूसरे दिन झांकियों के निकलने से शहर में फिर से उत्सव जैसा माहौल बन गया। कोतवाली रोड, सदर बाजार, गोल बाजार और जुना बिलासपुर जैसे प्रमुख मार्गों पर झांकियों का आकर्षक नजारा देखने हजारों की भीड़ उमड़ी। जगह-जगह लोगों ने झांकियों का फूल-मालाओं और नारियल से स्वागत किया।

पूरे मार्ग को रंग-बिरंगी रोशनी और सजावट से जगमगाया गया था। ड्रोन कैमरे से ली गई तस्वीरों में झांकियों की सतरंगी छटा ने सोशल मीडिया पर भी खूब ध्यान खींचा।

झांकियों में देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों के साथ-साथ सामाजिक और धार्मिक संदेश देने वाले दृश्य भी शामिल थे। सनाढ्य ब्राह्मण समाज, वंदे मातरम समिति, यादव समाज, अष्टभुजी गणेशोत्सव समिति मसानगंज, दुख भंजन युवा समिति सरकंडा, महामाया फ्रेंड्स क्लब, मां बिलासा केंवट समिति जुना बिलासपुर, महादेव क्लब और बिलासपुर साउंड संघ जैसे कई संगठनों ने भव्य झांकियों के साथ विसर्जन यात्रा में भाग लिया।

नगर विधायक अमर अग्रवाल और कई जनप्रतिनिधियों ने भी झांकियों का दर्शन किया और आयोजकों को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। युवाओं की टोलियों ने पारंपरिक ढोल-नगाड़ों और DJ की धुनों पर देर रात तक नृत्य कर माहौल को उत्सवमय बना दिया।

विसर्जन मार्ग पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

विसर्जन कार्यक्रम के दौरान शहर में सुरक्षा व्यवस्था बेहद सख्त रखी गई। पुलिस प्रशासन की ओर से कोतवाली रोड से लेकर पचरीघाट विसर्जन स्थल तक यातायात डायवर्जन किया गया था। जगह-जगह ट्रैफिक पुलिस, आरक्षक और होमगार्ड के जवान तैनात रहे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने खुद मोर्चा संभाला और लगातार निगरानी रखी। बिलासपुर नगर निगम और स्वच्छता कर्मियों ने भी तत्परता से सफाई व्यवस्था संभाली ताकि उत्सव के बाद शहर की सुंदरता बनी रहे।

भक्तिमय माहौल में समर्पण का भाव

विसर्जन के दौरान हर ओर ‘जय माता दी’, ‘मां दुर्गा की जय’ के जयकारे गूंजते रहे। देवी की आरती, धुन और नाच-गाने के साथ श्रद्धालु भाव-विभोर होते दिखे। कई जगह महिलाओं ने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया और प्रसाद वितरण का आयोजन भी किया गया।

कोतवाली रोड पर लगी झांकियां विशेष आकर्षण का केंद्र रहीं, जहां देवी दुर्गा की प्रतिमाओं के साथ महिषासुर वध का दृश्य देखकर लोग मंत्रमुग्ध हो उठे। देर रात तक श्रद्धालु अपने परिवार के साथ झांकियों का आनंद लेते रहे। अंत में सभी प्रतिमाओं का विधिवत विसर्जन पचरीघाट स्थित सरोवर में किया गया। पुलिस, गोताखोर और SDRF की टीम लगातार मौजूद रही ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। इस तरह भव्य और सुरक्षित तरीके से बिलासपुर का दुर्गोत्सव समापन की ओर पहुंचा। श्रद्धा, आस्था और अनुशासन का सुंदर संगम देखने को मिला, जिसने बिलासपुर की सांस्कृतिक एकता को और भी मजबूत कर दिया।


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