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कार्यशाला में हाथी के व्यवहार व गतिविधि के संबंध में दी गई जानकारी

  जशपुर। फरसाबहार विकासखंड के स्वामी आत्मानंद विद्यालय तपकरा, कांसाबेल एवं कुनकुरी के मिडिल और हाईस्कूल में लगभग 150 प्राचार्य एवं प्रधान पा...

 


जशपुर। फरसाबहार विकासखंड के स्वामी आत्मानंद विद्यालय तपकरा, कांसाबेल एवं कुनकुरी के मिडिल और हाईस्कूल में लगभग 150 प्राचार्य एवं प्रधान पाठक की उपस्थिति में गजरथ यात्रा के संबंध में कार्यशाला आयोजित किया गया और समस्त बिंदुओं और पहलुओं पर विस्तृत चर्चा कर कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दिया गया। साथ ही कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की गई। उक्त कार्यशाला में पी.के. भटनागर, जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर, अभिनव केशरवानी उप वनमंडलाधिकारी कुनकुरी, एस.के. होता, वन परिक्षेत्राधिकारी कुनकुरी, अकांक्षा लकड़ा, वन परिक्षेत्राधिकारी तपकरा तथा फरसाबहार, कुनकुरी एवं कांसाबेल के प्राचार्य एवं प्रधानपाठक एवं वन अमला उपस्थित थे। विगत कई वर्षाे से जशपुर जिला हाथी विचरण क्षेत्र रहा है एवं हाथियों की उपस्थिति निरंतर बनी हुई है। यहां की भौगोलिक संरचना तथा घने वनक्षेत्र एवं अन्तर्राज्य सीमा से लगे होने के कारण कई स्थलों से हाथियों का प्रवेश जशपुर जिले में होता है। जिससे हाथी मानव द्वंद की घटनाएं होने की संभावनाएं बनी रहती है। हाथी मानव द्वंद को न्यूनतम करने हेतु 21 जून 2025 को जशपुर वन मंडल के गजरथ यात्रा 2025 का शुभारंभ मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा किया गया है। गजरथ यात्रा हाथी प्रभावित अति संवेदनशील क्षेत्रों में निरंतर दौरा कर हाथी के व्यवहार एवं गतिविधि के संबंध में विशेष रूप से हाथी प्रभावित क्षेत्रों के स्कूलों में कक्षा 06 वीं से 12वीं के छात्र-छात्राओं को जानकारी देकर जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है।


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