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इस बार दिवाली पर रायपुर की हवा राहत भरी, एयर क्वालिटी इंडेक्स में हुआ सुधार

रायपुर। इस बार दिवाली के बाद राजधानी रायपुर के आसमान में धुएं की मोटी परत नहीं दिखी। शहरवासियों ने जब दिवाली की अगली सुबह खिड़की खोली तो बाह...


रायपुर। इस बार दिवाली के बाद राजधानी रायपुर के आसमान में धुएं की मोटी परत नहीं दिखी। शहरवासियों ने जब दिवाली की अगली सुबह खिड़की खोली तो बाहर की हवा पहले से कहीं साफ़ और हल्की महसूस हुई। न आंखों में जलन, न सांस में घुटन।

खास बात यह रही कि दिवाली के बाद भी रायपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सिर्फ 102 रहा, जो ‘सामान्य’ श्रेणी में आता है। यानी हवा सांस लेने लायक है। पिछले कुछ सालों में दिवाली के बाद रायपुर का AQI 160–180 के बीच रिकॉर्ड किया गया था।

हर साल दिवाली में पटाखों से निकलने वाले PM2.5 और PM10 जैसे सूक्ष्म कण हवा को इस कदर खराब कर देते हैं कि AQI अक्सर 150 से ऊपर चला जाता है। इससे सांस की तकलीफ, आंखों में जलन और एलर्जी जैसी दिक्कतें सामने आती हैं। लेकिन इस बार हालात पहले जैसे नहीं रहे।

विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली की रात हवा का रुख बदला और उसकी गति बढ़ गई। यही हवा शहर के लिए वरदान बन गई। जो धुआं और प्रदूषक आमतौर पर शहर के ऊपर ठहर जाते हैं, इस बार वह तेज हवाओं के चलते फैल गए और AQI ज्यादा नहीं बढ़ सका।

AQI 150-200 से गिरकर 102 तक आया, जो राहत का संकेत है

पिछले कुछ सालों में दिवाली के बाद रायपुर का AQI 160–180 के बीच रिकॉर्ड किया जाता रहा है। इस साल का 102 का आंकड़ा इस बात की ओर इशारा करता है कि या तो मौसम ने साथ दिया, या फिर शहरवासियों में जागरूकता आई है या फिर दोनों ने मिलकर काम किया।

भले ही AQI ‘सामान्य’ श्रेणी में है, लेकिन यह “साफ हवा” का प्रमाण नहीं है। बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों के लिए यह स्तर भी स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि त्योहारों पर हम पटाखों का इस्तेमाल सोच-समझकर करें और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएं, ताकि आने वाले सालों में हवा और बेहतर हो सके।

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