धमतरी। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में जिले के सभी आश्रम एवं छात्रावास अधीक्षकों की बैठक लेकर व्यवस्थाओं की गहन सम...
धमतरी। कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने मंगलवार को जिला कलेक्ट्रेट में जिले के सभी आश्रम एवं छात्रावास अधीक्षकों की बैठक लेकर व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा की। उन्होंने छात्रावासों के संचालन में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। मिश्रा ने कहा कि छात्रावासों में निवासरत छात्र-छात्राएं अपना घर छोड़कर एक नई सामाजिक और शैक्षणिक व्यवस्था में आते हैं, ऐसे में अधीक्षकों की जिम्मेदारी और भी अधिक बढ़ जाती है। बैठक में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग विमल साहू सहित आश्रम-छात्रावासों के अधीक्षक उपस्थित रहे।
बैठक में कलेक्टर ने आश्रम-छात्रावासों की भौतिक संरचना, साफ-सफाई, रसोईघर, पेयजल, स्नानगृह एवं शौचालय की स्थिति की जानकारी लेते हुए मरम्मत योग भवनों की शीघ्र मरम्मत के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने बच्चों को दी जाने वाली भोजन व्यवस्था को मीनू अनुसार और पोषणयुक्त बनाए रखने पर विशेष जोर दिया। साफ-सफाई के साथ-साथ गद्दे, तकिए, चादर आदि की स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश भी अधीक्षकों को दिए गए।
कलेक्टर मिश्रा ने छात्र-छात्राओं को केवल शिक्षा तक सीमित न रखकर उन्हें रचनात्मक गतिविधियों जैसे कला, संगीत, विज्ञान प्रयोग, बागवानी, पुस्तक पठन एवं कम्प्यूटर शिक्षा से भी जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियाँ बच्चों के व्यक्तित्व विकास में सहायक होती हैं।
बैठक में बीते पांच वर्षों में प्रवेशित विद्यार्थियों की संख्या, परीक्षा परिणाम और रैंकिंग की समीक्षा भी की गई। कलेक्टर ने बताया कि प्रशासन द्वारा आश्रम-छात्रावासों के संचालन हेतु स्वच्छता, गुणवत्तायुक्त भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण, कैरियर काउंसलिंग, नवाचार, पुस्तकालय, कंप्यूटर सुविधा, वृक्षारोपण और किचन गार्डन जैसे बिंदुओं पर आधारित मूल्यांकन की रूपरेखा तैयार की गई है, जिससे अधीक्षकों को अपने संस्थान की स्थिति जानने और सुधार करने में मदद मिलेगी।
कलेक्टर ने विशेष रूप से निर्देशित किया कि किसी भी कन्या छात्रावास में पुरुष का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा, चाहे वे रिश्तेदार ही क्यों न हों। इस नियम का उल्लंघन करने पर संबंधित अधीक्षक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी विद्यार्थी बिना अनुमति छात्रावास न छोड़े तथा बच्चों का समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण कर हेल्थ कार्ड अपडेट किया जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आश्रमों-छात्रावासों में बच्चों को नई चीजें सीखने हेतु प्रेरित किया जाए एवं आवश्यक संसाधनों की पूर्ति समय पर की जाए। कलेक्टर ने सभी अधीक्षकों से कहा कि वे संवेदनशीलता, जिम्मेदारी और सेवा-भावना के साथ कार्य करें ताकि छात्रावासों को बच्चों के लिए सुरक्षित, स्वस्थ और रचनात्मक वातावरण में बदला जा सके।
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