छत्तीसगढ़ सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना से गांवों में ग्रामीणों को रोजगार व स्व-रोजगार मिलने लगा है। गांवों को उत्पादन का केन्...
छत्तीसगढ़ सरकार की रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) योजना से गांवों में ग्रामीणों को रोजगार व स्व-रोजगार मिलने लगा है। गांवों को उत्पादन का केन्द्र और ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू की गइ है यह योजना अब ग्रामीण परिदृश्य में एक सकारात्मक बदलाव लाने लगी है। ग्रामीणजन रीपा के माध्यम से अपनी आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बदलाव के लिए पूरे मनोयोग जुट गए हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार की रीपा योजना वास्तव में सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में निर्मित गौठान में संचालित आयमूलक गतिविधियां का अभिसरण है। गौठानों में रीपा के माध्यम से आयमूलक गतिविधियों के संचालन के लिए शासन द्वारा आधारभूत संरचनाएं एवं संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों को स्व-रोजगार की गतिविधियों के संचालन में मदद मिली है।
मुंगेली जिले के ग्राम संबलपुर में संचालित ग्रामीण औद्योगिक पार्क में वर्तमान में 50 से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। वहां विभिन्न प्रकार की आयमूलक गतिविधियों का संचालन अलग-अलग समूह कर रहे हैं। प्रत्येक समूह को आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन के लिए प्रशिक्षण भी प्रदाय किया गया है। ग्राम संबलपुर के रीपा में स्व-सहायता समूह जैम-जैली, आचार, टेडी बियर, ब्लैक गार्लिक जैसे विभिन्न उत्पाद तैयार कर रहे हैं।
आम, नींबू और कटहल का आचार
रीपा में कौशल माता स्व सहायता समूह द्वारा बीते 25 मई से आम, कटहल, नींबू से आचार बनाया जा रहा है। समूह की 07 महिलाओं और तीन पुरुषों द्वारा अब तक 270 किलोग्राम आचार तैयार कर लिया गया है, जिसे पैकेजिंग के बाद सी मार्ट के माध्यम से विपणन किया जायेगा। इसके विक्रय से लगभग 11 हजार रूपए की आमदनी होने की उम्मीद है। आचार की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
ब्लैक गार्लिक का उत्पादन-सेहत के लिए लाभकारी
संबलपुर के रीपा में नवयुवक मंडल कौशल माता स्व सहायता समूह द्वारा औषधीय गुणों से परिपूर्ण ब्लैक गार्लिक का उत्पादन किया जा रहा है। समूह द्वारा लहसुन को 15 दिनों तक एक निश्चित ताप में मशीन में रखकर ब्लैक गार्लिक तैयार किया जाता है। जिसका बाजार मूल्य लगभग 600 रूपए किलो है। औषधि गुणों से भरपूर ब्लैक गार्लिक सेहत के लिए काफी लाभदायक है। इसके सेवन से शुगर, हृदयरोग, पाचन संबंधी रोग के नियंत्रण में मदद मिलती है। ब्लैक गार्लिक में एलिसिन पाया जाता है, जो खून को पतला रखने और हार्ट ब्लाकेज से बचाने में मदद करता है। ब्लैक गार्लिक तैयार करने के लिए समूह के लोगों को राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। ब्लैक गार्लिक के उपयोग से पैर-दर्द में राहत और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
दस दिन में 200 से अधिक टेडी बियर बनाएं
संबलपुर के रीपा में जय शिवशक्ति समूह द्वारा टेडी बियर और कुशन बनाने का कार्य किया जा रहा है। समूह द्वारा मात्र 10 दिनों में 200 से अधिक टेडी बियर बनाया जा चुका है, जिसमे से 80 टेडी बियर का विक्रय किया जा चुका है और खर्च काटकर लगभग 4 हजार की आमदनी प्राप्त की गई है। टेडी बियर बनाने के लिए समूह की महिलाओं को 15 दिनों का विधिवत प्रशिक्षण भी दिया गया है। जय मां दुर्गा स्वसहायता समूह द्वारा रीपा में जैम, जैली, टोमैटो सॉस, एलोवीरा जैल, अर्क, फू्रट कैंडी, अनार मोलिसस, चिली सॉस, साबुन और शैम्पू का कच्चा पदार्थ, कटहल की बड़ी का निर्माण के साथ ही छीन बीज से काफी पावडर भी तैयार किया जा रहा है, जो कि औषधीय गुणों से परिपूर्ण है।
No comments